कलेक्टर साहिबा, कहानी प्यार बनाम आईएएस केडर में से किसी एक को चुनने से जुड़ी हुई एक द्वंद कहानी है।

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कलेक्टर साहिबा पुस्तक परिचय -:इस उपन्यास की मुख्य किरदार एक प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी एंजेल है। इस रचना के माध्यम से मैंने एंजेल की जिजीविषा और संघर्ष के धागों से बुनी हुई कहानी को प्रस्तुत करने के साथ-साथ उनके आईएएस में चयनित हो जाने के बाद मसूरी के Lbsnaa ट्रेनिंग माहौल को भी चित्रित करने की कोशिश की है। यह एक काल्पनिक करैक्टर पर आधारित उपन्यास है।शुरुआती अध्यायों में सिविल सेवा की तैयारी करने वाले चार अभ्यर्थियों के यारी-दोस्ती के किस्से हैं। यह उपन्यास भारत के हर उस नवयुवक की कहानी है जो बड़े सपने देखता है और समाज और दोस्तों के ताने सुनकर भी अपने लक्ष्य के प्रति दृढ़ रहता है। साथ ही कोरोनाकाल में प्रतियोगी छात्रों को किन-किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा उसका भी चित्रण किया है। इसके अलावा इस रचना के माध्यम से मैंने प्रशासनिक भ्रष्टाचार और लालफीताशाही पर प्रकाश डालने का प्रयास किया है। इस कृति की लव स्टोरी छोटे शहरों की छोटी सोच से लड़ने की स्टोरी है। यह कहानी प्यार बनाम आईएएस केडर में से किसी एक को चुनने से जुड़ी हुई एक द्वंद कहानी है। पैसा, पद, पावर, सामाजिक स्टेटस से ज्यादा अपने प्रेम को अहमियत देकर गिरीश और एंजेल ने सामाजिक बंदिशों की छाया अपने रिश्ते पर नहीं पड़ने दी तथा हमेशा एक-दूसरे की ताकत बन खड़े रहे और आखिरकार एक दूसरे के हो गए। एक तरह से पूरी कहानी में मोहब्बत की सौंधी-सौंधी खुशबू बसी है। पाठकों से मिले बेशुमार प्यार की वजह से यह पुस्तक बेस्टसेलर बन चुकी है। यूपीएससी कैटेगरी में यह अमेजॉन बेस्ट सेलर रैंक 1 पर है। लेखक परिचय-: कैलाश मांजू बिश्नोई का जन्म राजस्थान के जोधपुर में स्थित लोहावट नामक कस्बे (गांव -हंसादेश) में हुआ था। लोहावट के सीनियर सेकेंडरी स्कूल से स्कूली शिक्षा पूर्ण के बाद जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। स्नातक करने के बाद यूपीएससी की तैयारी के दौरान ही हिन्दी और इतिहास विषय में एम.ए. की परीक्षा उत्तीर्ण कर यूजीसी नेट/जेआरएफ परीक्षा भी पास की। बहुमुखी प्रतिभा के धनी लेखक की खेलों के साथ-साथ अध्ययन के प्रति लग्नशीलता बाल्यकाल से ही थी।
सरल, सहज तथा बोलचाल की भाषा में लिखे जाने के कारण देश के सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाले अखबार दैनिक जागरण में आपके ऊर्जा और आजकल कॉलम में प्रकाशित समसामयिक और मोटिवेशनल आलेख पाठकों के बीच बहुत लोकप्रिय हैं। आपके दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर, दैनिक नवज्योति, जनसत्ता, बिजनेस स्टैंडर्ड, नवभारत टाइम्स, राष्ट्रीय सहारा जैसे राष्ट्रीय अखबारों में अब तक 450 से ज्यादा एडिटोरियल आर्टिकल, कविता और कहानियां प्रकाशित हो चुकी है।

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