डॉ मनसुख मंडाविया ने रोजगार डेटा पर अंतर-मंत्रालयी गोलमेज सम्मेलन की अध्यक्षता की।
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नई दिल्ली-केंद्रीय श्रम एवं रोजगार और युवा मामले एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने आज नई दिल्ली में रोजगार डेटा पर एक अंतर-मंत्रालयी गोलमेज सम्मेलन की अध्यक्षता की। बैठक का मुख्य मुद्दा मंत्रालयों/विभागों के बीच तालमेल बनाकर योजनाओं/कार्यक्रमों और परियोजनाओं के परिणामस्वरूप रोजगार पर नियमित डेटा रिकॉर्ड करने के लिए व्यवस्थित दृष्टिकोण लाने पर था।इस अवसर पर केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल भी उपस्थित थे। उन्होंने अंतर-मंत्रालयी परामर्श आयोजित करने के लिए श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के प्रयासों की सराहना की और इस बात पर प्रकाश डाला कि यह एक नियमित अभ्यास होना चाहिए।केंद्रीय बजट 2024-25 युवा एवं रोजगार पर केंद्रित होने की बात पर प्रकाश डालते हुए डॉ. मनसुख मंडाविया ने बजट में घोषित व्यापक और अभिनव रोजगार से जुड़े प्रोत्साहन (ईएलआई) पैकेज के बारे में विस्तार से बताया। इसमें नियोक्ताओं और कर्मचारियों को लाभ पहुंचाने और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए तीन योजनाएं शामिल हैं। उन्होंने बजट में घोषित विभिन्न श्रम सुधारों जैसे कि ईश्रम पोर्टल का उन्नयन और समाधान और श्रम सुविधा पोर्टल का पुनरुद्धार के बारे में भी बात की।अपने संबोधन में डॉ. मंडाविया ने भारत सरकार में मौजूद रोजगार सृजन पर कई डेटा स्रोतों को एकीकृत करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि विभिन्न मंत्रालय और विभाग कई योजनाओं और परियोजनाओं को लागू कर रहे हैं जिससे बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा हो रहे हैं, लेकिन वर्तमान में आंकड़े अलग-अलग हैं।डॉ. मंडाविया ने कहा कि देश में रोजगार सृजन की समग्र तस्वीर की शृंखला विकसित करने के लिए विभिन्न रोजगार डेटा स्रोतों के बीच संबंध बनाने, उन्हें आत्मसात करने और एकीकृत करने की आवश्यकता है।इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए केंद्रीय मंत्री ने विभिन्न मंत्रालयों/विभागों और उद्योग को शामिल करते हुए एक कोर ग्रुप बनाने का सुझाव दिया, जो वर्तमान में अलग-अलग आंकड़े में मौजूद प्रयासों को समन्वित और एकीकृत करने के लिए नियमित रूप से कार्य करेंगे।कुशल कार्यबल की उद्योग की मांग को स्वीकार करते हुए केंद्रीय मंत्री ने युवाओं को उनकी मांगों के अनुरूप पर्याप्त कौशल प्रवृत्ति और पेशेवर योग्यता के साथ तैयार करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने उद्योग निकायों से युवाओं की पहचान करने और उन्हें इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करने का भी आग्रह किया, जिससे नौकरियां सुरक्षित हो सकें और जीवन को बेहतर बनाने में सरकार के साथ जुड़ सकें।
उच्च स्तरीय में 19 विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) और भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) जैसे उद्योग संघों के प्रतिनिधियों ने विचार-विमर्श सत्र में भाग लिया और मूल्यवान सुझाव के साथ ही अपने महत्वपूर्ण अनुभव साझा किए।
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