जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के पहले चरण में उत्साहपूर्ण मतदान।

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जम्मू-कश्मीर में लोकसभा चुनाव 2024 सफलतापूर्वक संपन्न होने के बाद विधानसभा चुनावों की शुरुआत भी शांतिपूर्ण और उत्साहपूर्ण मतदान के साथ हुई। समाज के सभी वर्गों के मतदाताओं ने ‘लोकतंत्र के आह्वान’ का तहेदिल से जवाब दिया और विधानसभा चुनावों की घोषणा के दौरान मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार द्वारा व्यक्त किए गए इस विश्वास की पुष्टि की कि जम्मू-कश्मीर की जनता चुनाव प्रक्रिया को बाधित करने की कोशिश करने वाली नापाक ताकतों को करारा जवाब देगी। मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की लंबी कतारों ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया में जम्मू-कश्मीर के लोगों की गहरी आस्था और विश्वास की झलक पूरी दुनिया को दिखा दी। पहले चरण में शाम 7:30 बजे तक लगभग 58.85 प्रतिशत मतदान हुआ।राज्य के पुलवामा, शोपियां, कुलगाम, किश्तवाड़, अनंतनाग, रामबन और डोडा सहित 7 जिलों में फैले 24 विधानसभा क्षेत्रों में स्थापित 3276 मतदान केंद्रों पर वोट डाले गए। आज जिन 7 जिलों में मतदान हुआ, उनमें से प्रत्येक में मतदान में भागीदारी लोकसभा 2024 के चुनावों की भागीदारी से अधिक रही। यह प्रदर्शन जम्मू और कश्मीर में लोकसभा चुनावों के दौरान देखे गए रुझान पर आधारित है, जिसमें मतदान केंद्रों पर 58.58 प्रतिशत मतदान हुआ था, जो पिछले 35 वर्षों में सबसे अधिक है।
मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की लंबी कतारें
पहले चरण में कुल 219 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं, जिनमें से 9 महिला उम्मीदवार हैं। मतदान केंद्रों पर युवा और महिला मतदाताओं की अच्छी तादाद रही, जो जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र की गहराई और उसे अंगीकार किए जाने का प्रमाण है। मतदान के लिए उनका यह उत्साह, बहिष्कार और हिंसा के खिलाफ मतदान के पक्ष में करारा जवाब है।मुख्य चुनाव आयुक्त श्री राजीव कुमार के नेतृत्व में चुनाव आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार और डॉ. सुखबीर सिंह संधू के साथ आयोग ने मतदान प्रक्रिया के हर पहलू पर शुरू से ही कड़ी नज़र रखी। मतदान के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए सावधानीपूर्वक तैयारियां, स्पष्ट निर्देश और मजबूत सुरक्षा उपाय किए गए थे, ताकि मतदाता बिना किसी डर या भय के वोट डाल सकें । सभी मतदान केंद्रों में वेबकास्टिंग के साथ-साथ 32 केंद्रीय पर्यवेक्षकों ने जमीनी स्तर पर चुनाव प्रक्रिया पर पैनी नजर रखी, ताकि चुनाव प्रक्रिया में कोई व्यवधान न आए।जम्मू (19), उधमपुर (1) और दिल्ली (4) में स्थापित 24 विशेष मतदान केंद्रों के माध्यम से कश्मीरी प्रवासी मतदाताओं को अपने मताधिकार का प्रयोग करने में सशक्त बनाया गया। इससे पहले, आयोग ने बोझिल फॉर्म-एम को समाप्त करके और स्व-प्रमाणन को सक्षम करके कश्मीरी प्रवासी मतदाताओं के लिए प्रक्रिया को आसान बना दिया था।जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों में पहली बार घर से मतदान की सुविधा शुरू की गई, जिससे लोकतंत्र को शारीरिक रूप से विवश लोगों की दहलीज तक पहुंचाया गया। 85 वर्ष से अधिक आयु के कई मतदाताओं और 40 प्रतिशत बेंचमार्क विकलांगता वाले दिव्यांगों ने अपने घरों की सहूलियत में मतदान करने का विकल्प चुना, जबकि मतदान केंद्रों पर जाने वालों का गर्मजोशी से स्वागत किया गया और उन्हें सभी न्यूनतम सुविधाएं सुनिश्चित की गईं।
बुजुर्ग और वरिष्ठ नागरिक स्याही के निशान वाली उंगलियां दिखाते हुए
मतदान के अनुभव को सुखद और यादगार बनाने की चुनाव आयोग की प्रतिबद्धता के तहत सभी मतदान केंद्रों पर पीने का पानी, बिजली, शौचालय, रैंप, फर्नीचर, पर्याप्त आश्रय, हेल्पडेस्क, व्हील चेयर और स्वयंसेवकों जैसी सुनिश्चित न्यूनतम सुविधाएं (एएमएफ) प्रदान की गईं। आरामदायक मतदान अनुभव प्रदान करने के लिए प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक-एक मतदान केंद्र ऐसा बनाया गया था, जिसका प्रबंधन विशेष रूप से महिलाओं और दिव्यांगों द्वारा किया गया।
महिलाओं द्वारा प्रबंधित मतदान केंद्र
चुनाव सही मायनों में सहभागी और व्यापक प्रकृति के रहे, जैसा कि सीविजिल के उपयोग संबंधी डेटा से परिलक्षित होता है। चुनाव शुरू होने से लेकर 18.09.2024 तक चुनावी कदाचार के खिलाफ 355 शिकायतों का निपटारा 98.3 प्रतिशत की निपटान दर के साथ किया गया, जिससे अभियान की अव्यवस्था और शोर-गुल कम रहा। सुविधा प्लेटफॉर्म ने चरण 1 से पहले राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों द्वारा रैलियों, मैदानों, हॉल आदि के लिए अनुमति मांगने के 4458 अनुरोधों की पारदर्शी और समय पर स्वीकृति सुनिश्चित की है।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के चरण-1 में मतदान करने के बाद युवा और महिला मतदाता
किसी भी मतदाता को पीछे नहीं छूटने देना सुनिश्चित करने के अपने संकल्प के तहत आयोग ने यह सुनिश्चित किया कि जम्मू-कश्मीर के दूरदराज के इलाकों में भी मतदान केंद्र सुगम हों और यहां तक कि शांत गांवों को भी लोकतांत्रिक प्रक्रिया के दायरे में लाया जा सके। धडकई के एक ऐसे ही गांव में, जिसे “शांत गांव” के रूप में जाना जाता है, वाणी/श्रवण विकलांगता वाले दिव्यांग मतदाताओं ने डोडा जिले के भद्रवाह विधानसभा क्षेत्र के मतदान केंद्र 195 कुथयारा में अपने वोट के साथ अपनी आवाज बुलंद की।
धडकई गांव में मतदान केंद्र पर वोट डालने के बाद वाणी/श्रवण विकलांगता वाली तीन बहनें
जहां एक ओर आयोग ने उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों के वैध अनुरोधों के प्रति सुविधाजनक दृष्टिकोण अपनाया, वहीं मतदाताओं को प्रभावित करने के अवैध साधनों पर सख्त कार्रवाई की है। प्रलोभन मुक्त चुनावों के लिए प्रौद्योगिकी और खुफिया जानकारी आधारित लक्षित कार्रवाई द्वारा संचालित चुनाव आयोग के लगातार प्रयासों के कारण 18.09.2024 तक जम्मू-कश्मीर में 124.3 करोड़ रुपये की जब्ती हुई है, साथ ही ड्रग्स और नशीले पदार्थों की आपूर्ति और वितरण पर कड़ी कार्रवाई की गई है, जिसमें 107.9 करोड़ रुपये की जब्ती दर्ज की गई है। 15 करोड़ रुपये से अधिक राशि की मुफ्त वस्तुएं भी जब्त की गई हैं। प्रवर्तन एजेंसियां आगामी चरणों में भी धनबल के खतरे को रोकने के प्रयास तेज कर रही हैं।शाम 7.30 बजे तक 58.85 प्रतिशत मतदान के अनंतिम आंकड़े वोटर टर्नआउट ऐप पर निर्वाचन अधिकारियों द्वारा विधानसभा क्षेत्रवार अपडेट किए जाते रहेंगे, ऐसा मतदान केंद्रों पर मतदान कर्मियों द्वारा मतदान को औपचारिक रूप से समाप्त करने और वहां की भौगोलिक/लॉजिस्टिक स्थितियों के आधार पर मतदान केंद्रों से लौटने तथा वैधानिक कागजातों की जांच और पुनर्मतदान, यदि कोई हो, पर विचार करने के बाद होगा। हितधारकों की सुविधा के लिए आयोग आज लगभग 2345 बजे अनंतिम मतदान आंकड़ों के साथ एक और प्रेस नोट भी जारी करेगा।
चरण-1 में जिलावार अनुमानित मतदान (शाम 7:30 बजे)
क्रम सं. | जिले | विधानसभा क्षेत्रों की संख्या | अनुमानित मतदान % |
1 | अनंतनाग | 7 | 54.17 |
2 | डोडा | 3 | 69.33 |
3 | किश्तवाड़ | 3 | 77.23 |
4 | कुलगाम | 3 | 61.57 |
5 | पुलवामा | 4 | 46.03 |
6 | रामबन | 2 | 67.71 |
7 | शोपियां | 2 | 53.64 |
7 से अधिक जिले | 24 | 58.85 |
दूसरे और तीसरे चरण के लिए मतदान क्रमशः 25 सितंबर और 1 अक्टूबर 2024 को होगा। मतों की गिनती 8 अक्टूबर 2024 को होगी।

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