केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने नई दिल्ली में दिव्यांगता पुनर्वास एवं विशेष शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष स्थान हासिल करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया।
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नई दिल्ली-विशेष शिक्षा एवं दिव्यांगता पुनर्वास के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को आज नई दिल्ली स्थित डॉ. अम्बेडकर इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित दीक्षांत समारोह में सम्मानित किया गया। यह कार्यक्रम भारतीय पुनर्वास परिषद (आरसीआई) और राष्ट्रीय पुनर्वास परीक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित किया गया था। केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री (एसजेई) डॉ. वीरेंद्र कुमार इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे, जबकि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री (एसजेई) श्री बी.एल. वर्मा इस अवसर पर सम्मानित अतिथि के रूप में उपस्थित थे।सभा को संबोधित करते हुए, डॉ. वीरेंद्र कुमार ने कहा कि दीक्षांत समारोह प्रत्येक छात्र के जीवन का एक महत्वपूर्ण क्षण होता है। इन पाठ्यक्रमों के माध्यम से हमारे विद्यार्थी न केवल शिक्षा हासिल कर रहे हैं, बल्कि समाज की सेवा के लिए भी तैयार हो रहे हैं। दिव्यांग विद्यार्थियों की भागीदारी एक प्रेरणा के रूप में कार्य करती है, जो यह दर्शाती है कि शिक्षा हासिल करने की राह में शारीरिक चुनौतियां कोई बाधा नहीं हैं।केन्द्रीय मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारतीय पुनर्वास परिषद दिव्यांगता एवं शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और शैक्षिक क्षेत्रों में दिव्यांग बच्चों के लिए एक मित्र के रूप में काम कर रही है।
अपने संबोधन में, राज्यमंत्री श्री बी.एल. वर्मा ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को बधाई दी और कहा कि शिक्षा सामाजिक सशक्तिकरण की आधारशिला है। हमारे दिव्यांग विद्यार्थी शिक्षा के क्षेत्र में नई उपलब्धियां हासिल कर रहे हैं, जो समाज के लिए गर्व की बात है।
दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के सचिव श्री राजेश अग्रवाल ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शिक्षक एक विद्यार्थी के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को विशेष शिक्षा एवं दिव्यांगता पुनर्वास के क्षेत्र में अपनी पढ़ाई को लगन से आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया और उन्हें इस क्षेत्र में करियर की बेहतरीन संभावनाओं का आश्वासन दिया।शिक्षा प्रणाली के बारे में बोलते हुए, श्री अग्रवाल ने विशेष शिक्षा एवं दिव्यांगता पुनर्वास के क्षेत्र में उपलब्ध पुस्तकों को आधुनिक बनाने और भारतीय लेखकों के कार्यों को शामिल करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने अंग्रेजी और हिंदी दोनों माध्यमों में किताबें उपलब्ध कराने की आवश्यकता पर बल दिया।इस दीक्षांत समारोह में तीन दिव्यांग विद्यार्थियों सहित 16 विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर, आरसीआई ने दो नए पाठ्यक्रम – आईएसआईटीईपी और बी.एससी. क्लिनिकल साइकोलॉजी (ऑनर्स) – भी लॉन्च किए। इस कार्यक्रम में आरसीआई की अध्यक्ष सुश्री शरणजीत कौर ने सदस्य सचिव श्री विकास त्रिवेदी तथा दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के अधिकारियों, विद्यार्थियों, संकाय सदस्यों एवं विभिन्न संस्थानों के विशेषज्ञों के साथ भाग लिया।
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