नमस्कार हमारे न्यूज पोर्टल - मे आपका स्वागत हैं ,यहाँ आपको हमेशा ताजा खबरों से रूबरू कराया जाएगा , खबर ओर विज्ञापन के लिए संपर्क करे +91 97826 56423 ,हमारे यूट्यूब चैनल को सबस्क्राइब करें, साथ मे हमारे फेसबुक को लाइक जरूर करें , श्री भूपेन्द्र यादव ने सऊदी अरब के रियाद में मरुस्थलीकरण से निपटने हेतु संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन के सीओपी16 में सूखे से निपटने से संबंधित मंत्रिस्तरीय वार्ता के दौरान भारत का वक्तव्य दिया। – Raj News Live

Raj News Live

Latest Online Breaking News

श्री भूपेन्द्र यादव ने सऊदी अरब के रियाद में मरुस्थलीकरण से निपटने हेतु संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन के सीओपी16 में सूखे से निपटने से संबंधित मंत्रिस्तरीय वार्ता के दौरान भारत का वक्तव्य दिया।

😊 Please Share This News 😊

रियाद-केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेन्द्र यादव ने आज सऊदी अरब के रियाद में मरुस्थलीकरण से निपटने हेतु संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन (यूएनसीसीडी) के सीओपी16 में सूखे से निपटने से संबंधित मंत्रिस्तरीय वार्ता के दौरान भारत का वक्तव्य दिया। केन्द्रीय मंत्री ने भूमि क्षरण और मरुस्थलीकरण से निपटने से संबंधित भारत की असाधारण यात्रा का वर्णन किया, जो यूएनसीसीडी के समग्र उद्देश्यों के अनुरूप है। उन्होंने कहा, “हमारी यात्रा प्रतिबद्धता, नवाचार और सतत विकास की परिवर्तनकारी गाथा का प्रतिनिधित्व करती है। सीओपी 5 में एक महत्वपूर्ण पर्यावरणीय चुनौती के रूप में भूमि क्षरण को वैश्विक स्तर पर मान्यता देने से लेकर सीओपी 10 में समुदाय द्वारा संचालित भूमि के जीर्णोद्धार पर जोर देने और उसके बाद सीओपी 14 में जलवायु परिवर्तन से संबंधित एक महत्वपूर्ण रणनीति के रूप में भूमि के जीर्णोद्धार को  मान्यता देने और सीओपी 15 में खराब भूमि के जीर्णोद्धार के प्रति वैश्विक प्रतिबद्धता तक, हम सभी इस यात्रा में समान रूप से भागीदार रहे हैं।”विषय पर गहराई से चर्चा करते हुए, श्री यादव ने कहा, “जिनेवा में सीओपी के दौरान मरुस्थलीकरण और गरीबी के बीच अटूट संबंध को पहचानते हुए, भारत ने भी यह महसूस किया कि भूमि क्षरण सिर्फ एक पर्यावरणीय मुद्दा भर ही नहीं है, बल्कि एक महत्वपूर्ण सामाजिक-आर्थिक चुनौती भी है। हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सक्षम एवं प्रेरणादायक नेतृत्व के तहत सीओपी 14 में भारत की अध्यक्षता हमारी यात्रा में एक महत्वपूर्ण क्षण बन गया, जहां हमने गर्व से 2030 तक 26 मिलियन हेक्टेयर खराब भूमि का जीर्णोद्धार करने की अपनी प्रतिबद्धता पेश की और भूमि क्षरण की समस्याओं के प्रति वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने तथा भारत की विशेषज्ञता को अन्य देशों के साथ साझा करने में मदद करने हेतु भारत में सतत भूमि प्रबंधन से संबंधित एक उत्कृष्टता केन्द्र की स्थापना की घोषणा की।श्री यादव ने यह बताते हुए बेहद गर्व व्यक्त किया कि भारत ने अपने वादों को पूरा करने का अपना ट्रैक रिकॉर्ड बरकरार रखा है। उन्होंने कहा कि उत्कृष्टता केंद्र पहले ही स्थापित किया जा चुका है और इसने क्षमता निर्माण, खराब भूमि के जीर्णोद्धार के लिए प्रौद्योगिकी-आधारित रणनीतियों के निर्माण और कार्यान्वयन से संबंधित कई पहल की हैं। इसके अलावा, केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि आबिदजान में सीओपी 15 में, भारत ने रोजगार सृजन और जलवायु परिवर्तन के प्रति अनुकूलन की एक रणनीति के रूप में भूमि के जीर्णोद्धार की भूमिका पर जोर दिया। भारत ने 2030 तक एक ट्रिलियन पेड़ लगाने और इस तरह कार्बन सिंक बनाने के जी-20 के लक्ष्य का भी समर्थन किया।इस बात पर जोर देते हुए कि कैसे मजबूत नेतृत्व सक्रिय कार्यों के लिए प्रतिबद्ध मजबूत राष्ट्रों में तब्दील होता है, केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि भारत सूखे के मामले में प्रतिक्रियाशील से बदलकर उन सक्रिय व टिकाऊ रणनीतियों की ओर बढ़ गया है जो तैयारियों और रोकथाम पर केन्द्रित है। उन्होंने कहा, “भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन और राष्ट्रीय रिमोट सेंसिंग सेंटर जैसे हमारे संस्थान सूखा भेद्यता आकलन, वास्तविक समय में निगरानी और प्रारंभिक चेतावनी प्रदान करते हैं, जिससे सूचित निर्णय लेना संभव हो पाता है। हमारा मजबूत अंतरिक्ष कार्यक्रम अन्य देशों को सूखे से निपटने के उनके प्रयासों में लाभ उठाने के लिए एक मंच प्रदान करता है।”श्री यादव ने आगे कहा कि भारत भूमि, पानी, वर्षा और कृषि व आजीविका पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के महत्व को समझता है। सुदृढ़ता एवं जीर्णोद्धार से जुड़े कार्यों को बढ़ाने के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए गए हैं। किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी किए गए हैं जो उन्हें टिकाऊ कृषि पद्धतियों में संलग्न होने में सक्षम बनाते हैं। मृदा स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और उसे आगे बनाए रखने के लिए जैविक खेती को प्राथमिकता दी गई है। खाद्य सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों का समाधान करके, भारत हरित नौकरियां सृजित कर रहा है और सूखे से निपटते हुए ग्रामीण समृद्धि को बढ़ा रहा है। अपने संबोधन का समापन करते हुए, उन्होंने कहा कि बंजर भूमि का जीर्णोद्धार करने, आजीविका को बढ़ाने और नाजुक इकोसिस्टम की रक्षा करने की शपथ लेकर, हम अपने कार्यों को सतत विकास लक्ष्यों के साथ जोड़ रहे हैं।सीओपी 16 के मौके पर, श्री यादव ने सऊदी अरब और केन्या के मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठक की, जिसमें सतत विकास एवं पारस्परिक हित से संबंधित अन्य मामलों पर चर्चा की गई।

 

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें 

स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे

Donate Now

[responsive-slider id=1466]
error: Content is protected !!