सीबीआईसी अध्यक्ष श्री संजय कुमार अग्रवाल ने बोर्ड के सदस्यों की उपस्थिति में करदाता के लिए सेवाएं बढ़ाने हेतु नई पहल शुरू की।
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नई दिल्ली -केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) अध्यक्ष श्री संजय कुमार अग्रवाल ने आज सभी बोर्ड सदस्यों की उपस्थिति में पहलों की एक श्रृंखला शुरू की, जिसका उद्देश्य करदाता अनुभव में सुधार और पारदर्शिता बढ़ाना है।लॉन्च के बाद, श्री अग्रवाल ने कहा, “आज शुरू की गई पहलें, कर प्रक्रियाओं को सरल बनाने और पारदर्शिता व विश्वास की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए हमारी अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक हैं। करदाताओं को सशक्त बनाकर और उनके सुझावों को शामिल करके, हम एक ऐसी व्यवस्था बना रहे हैं जो न केवल कुशल है बल्कि नागरिकों की आवश्यकताओं और आकांक्षाओं को भी प्रतिबिंबित करती है”।
2. सुझाव देने के लिए ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस‘ टैब: करदाताओं को ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (ईओडीबी) में सीधे योगदान करने में सक्षम बनाने के लिए एक नया प्लेटफॉर्म लॉन्च किया गया है। चिंतन शिविर 2023 के दौरान आई अंतर्दृष्टि से जन्मी यह पहल, लोगों और व्यवसायों को कर प्रक्रियाओं और नीतियों में सुधार के लिए सुझाव साझा करने की अनुमति देती है। सक्रिय भागीदारी को आमंत्रित करके, सीबीआईसी एक सहयोगी वातावरण को बढ़ावा देता है जहां करदाता अधिक सुव्यवस्थित और व्यापार-अनुकूल कर व्यवस्था को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
3. संशोधित सिटिजन कॉर्नर: जानकारी आपकी उंगलियों में: टैक्स से संबंधित जानकारी के लिए वन-स्टॉप हब के रूप में सेवा करने के लिए सिटिजन कॉर्नर ऑनलाइन पोर्टल को काफी बढ़ाया गया है। करदाताओं को जानकारी के साथ सशक्त बनाने के लिए डिजाइन किया गया, सिटीजन कॉर्नर स्व-अनुपालन को सरल बनाता है और कर नियमों के स्वैच्छिक पालन को प्रोत्साहित करता है।
4. सीबीआईसी अभिलेखागार: भारत के कर इतिहास की एक डिजिटल खिड़की: अपनी विरासत को प्रकाशित करते हुए, सीबीआईसी ने भारत में अप्रत्यक्ष करों के ऐतिहासिक विकास को प्रदर्शित करने वाला एक डिजिटल संग्रह लॉन्च किया है। इस यूजर के अनुकूल प्लेटफॉर्म में अब लगभग 82 उप सूचियों के साथ छः (06) इंटरैक्टिव सूची टाइलें हैं, जो करदाताओं को वीडियो, वेबिनार और विभिन्न कर-संबंधित विषयों पर नवीनतम अपडेट तक पहुंच उपलब्ध कराती हैं। सीबीआईसी अभिलेखागार उन मील के पत्थरों की व्यापक झलक प्रस्तुत करता है, जिन्होंने देश के आर्थिक पथ को आकार दिया है।
इस इतिहास को संरक्षित और साझा करके, यह पहल न केवल संस्था के योगदान को श्रद्धांजलि देती है, बल्कि जनता को राष्ट्र निर्माण में अप्रत्यक्ष करों की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में शिक्षित भी करती है।ये पहल करदाता-केंद्रित शासन और डिजिटल परिवर्तन के प्रति सीबीआईसी की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती हैं।
प्रौद्योगिकी का लाभ उठाकर और प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करके, सीबीआईसी का उद्देश्य एक अधिक कुशल और पारदर्शी कर प्रशासन प्रणाली बनाना है।कर प्रशासन को सुव्यवस्थित करने और कारोबार के लिए अनुकूल माहौल को प्रोत्साहन देने के सरकार के चल रहे प्रयासों के हिस्से के तौर पर करदाता सेवा महानिदेशालय (डीजीटीएस) की ओर से पहल की जा रही है।
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