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श्री पीयूष गोयल ने “लॉजिस्टिक्स ईज एक्रॉस डिफरेंट स्टेट्स (एलईएडीएस) 2024” रिपोर्ट जारी की।

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नई दिल्ली -राज्यों को निवेश आकर्षित करने के लिए निजी क्षेत्र के साथ मिलकर बेहतर लॉजिस्टिक्स व्यवसाय के लिए कार्य योजनाएं तैयार करनी चाहिए। अंतिम छोर तक संपर्क साधने के लिए क्षेत्रीय और शहर-स्तरीय लॉजिस्टिक्स योजनाएं विकसित करने की जरूरत है। यह बात केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज नई दिल्ली में “लॉजिस्टिक्स ईज एक्रॉस डिफरेंट स्टेट्स (एलईएडीएस) 2024” रिपोर्ट जारी करने के दौरान कही। उन्होंने “लॉजिस्टिक्स एक्सीलेंस, एडवांसमेंट एंड परफॉर्मेंस शील्ड (एलईएपीएस) 2024” के सम्मान समारोह की अध्यक्षता भी की।

केंद्रीय मंत्री श्री गोयल ने ग्रीन लॉजिस्टिक्स, कार्यबल समावेशिता और केंद्र सरकार की परियोजनाओं की सुविधा को बढ़ावा देने के उपायों के कार्यान्वयन पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भविष्य में अधिक सफलता प्राप्त करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता, मशीन लर्निंग, डेटा एनालिटिक्स जैसी नई तकनीकों को अपनाना महत्वपूर्ण है। श्री गोयल ने लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कौशल विकास पर भी जोर दिया।केंद्रीय मंत्री श्री गोयल ने यह भी कहा कि देश को लैंगिक समावेशिता पर काम करना चाहिए और इस क्षेत्र में महिलाओं की अधिक भागीदारी को प्रोत्साहित करना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि राज्यों को बेहतर सफलता के लिए लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) का लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने राज्यों से आग्रह किया कि वे आंतरिक कंटेनर डिपो के लिए मल्टी-मॉडल हब पर विचार करें तथा पारदर्शिता को बढ़ावा देने और लागत में कटौती करने के लिए बोली के माध्यम से जमीन उपलब्ध कराएं।श्री गोयल ने लॉजिस्टिक्स क्षेत्र से एलईएडी फ्रेमवर्क – लॉन्जेवटी (दीर्घायु), इफिशन्सी (दक्षता) और ईफेक्टिव्नस (प्रभावशीलता), ऐक्सेसबिलिटी (पहुंच) और अकाउन्टबिलिटी (जवाबदेही) और प्रक्रियाओं के डिजिटलीकरण को अपनाने का आग्रह किया ताकि लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में बदलाव लाया जा सके और देश को 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्‍य हासिल करने के तैयार किया जा सके।इस अवसर पर, श्री गोयल ने लॉजिस्टिक सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को कार्रवाई योग्य जानकारी प्रदान करने में एलईएडीएस के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने लॉजिस्टिक को भारत के आर्थिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण प्रवर्तक बनाने में सभी हितधारकों के सहयोगात्मक प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा, “भारत को तेजी से आगे बढ़ने के लिए लॉजिस्टिक को तेजी से आगे बढ़ना चाहिए।”वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री श्री जितिन प्रसाद और उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव श्री अमरदीप सिंह भाटिया भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।एलईएडीएस 2024 रिपोर्ट में चार प्रमुख स्तंभों- लॉजिस्टिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर, लॉजिस्टिक्स सर्विसेज, ऑपरेटिंग एंड रेगुलेटरी एनवायरनमेंट, और हाल ही में शुरू की गई टिकाऊ लॉजिस्टिक्स में लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन का मूल्यांकन किया गया है। इस रिपोर्ट में इन स्तंभों में विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा की गई पहलों पर प्रकाश डाला गया है और वि‍वेकपूर्ण निर्णय लेने में सक्षम बनाने के लिए राज्य/केंद्र शासित प्रदेश-विशिष्ट अवसरों की पहचान की गई है।एलईएडीएस 2024 के प्रदर्शन की मुख्य बातें  

  • तटीय समूह
  • उपलब्धियां हासिल करने वाले: गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र, ओडिशा, तमिलनाडु
  • तेजी से विकास करने वाले: आंध्र प्रदेश, गोवा
  • आकांक्षी: केरल, पश्चिम बंगाल
  • भूमिबद्ध समूह
  • उपलब्धियां हासिल करने वाले: हरियाणा, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड
  • तेजी से विकास करने वाले: बिहार, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, राजस्थान
  • आकांक्षी: छत्तीसगढ़, झारखंड
  • उत्तर-पूर्वी समूह
  • उपलब्धियां हासिल करने वाले: असम, अरुणाचल प्रदेश
  • तेजी से विकास करने वाले: मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा
  • आकांक्षी: मणिपुर
  • केंद्र शासित प्रदेश
  • उपलब्धियां हासिल करने वाले: चंडीगढ़, दिल्ली
  • तेजी से विकास करने वाले: दादरा एवं नगर हवेली और दमन एवं दीव, जम्मू एवं कश्मीर, लक्षद्वीप, पुदुचेरी
  • आकांक्षी: अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह, लद्दाख

श्री भाटिया ने इस बात पर प्रकाश डाला कि आज जारी की गई एलईएडीएस रिपोर्ट का छठा संस्करण इसके परिणामों में अधिक निष्पक्षता लाता है, जिसमें वस्तुनिष्ठ संकेतकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इनमें टर्मिनलों तक पहुंच और विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में प्रमुख सड़क गलियारों की गति से संबंधित उपाय शामिल हैं, जो लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन पर विस्तृत परिप्रेक्ष्य प्रदान करते हैं।एलईएडीएस 2024 रिपोर्ट जारी करने के अलावा, इस कार्यक्रम में लॉजिस्टिक्स एक्सीलेंस, एडवांसमेंट और परफॉरमेंस शील्ड (एलईएपीएस 2024) पुरस्कारों के लिए सम्मान समारोह भी आयोजित किया गया। श्री गोयल ने लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में असाधारण योगदान के लिए विभिन्न श्रेणियों में प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया, जिनमें प्रमुख लॉजिस्टिक्स सेवाएं, एमएसएमई, स्टार्टअप और संस्थान शामिल हैं।एलईएपीएस 2024 लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में नेतृत्व और नवाचार को प्रदर्शित करता है। यह पारदर्शी मूल्यांकन प्रक्रिया के माध्यम से असाधारण योगदान का जश्न मनाता है।                                                  एलईएपीएस 2024 के विजेताओं में निम्‍नलिखित शामिल हैं:

  • प्रमुख लॉजिस्टिक्स:
  • एयर फ्रेट सेवा प्रदाता: केरी इंडेव लॉजिस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड
  • मैरीटाइम फ्रेट सेवा प्रदाता: विशाखा कंटेनर टर्मिनल प्राइवेट लिमिटेड
  • मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट संचालक: अवाना लॉजिस्टिक्स लिमिटेड
  • रेल फ्रेट सेवा प्रदाता: डीपी वर्ल्ड रेल लॉजिस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड
  • रोड फ्रेट सेवा प्रदाता: सीजे डार्कल लॉजिस्टिक्स लिमिटेड
  • वेयरहाउस सेवा प्रदाता (औद्योगिक और उपभोग्य): एपीएम टर्मिनल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड
  • वेयरहाउस सेवा प्रदाता (कृषि): ग्लोबस वेयरहाउसिंग एंड ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड
  • स्टार्टअप:
  • लॉजिस्टिक्स ऑपरेशन: मायजेक लॉजिस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड
  • लॉजिस्टिक्स टेक्नोलॉजी: सर्वोदय इन्फोटेक प्राइवेट लिमिटेड
  • एमएसएमई:
  • लॉजिस्टिक्स सेवा प्रदाता: शिपवेव्स ऑनलाइन लिमिटेड
  • संस्थान:
  • लॉजिस्टिक्स सेक्टर में शिक्षा और कौशल विकास: भारतीय प्रबंधन संस्थान, मुंबई
  • विशेष श्रेणियां:
  • लॉजिस्टिक्स सेवा वितरण ई-कॉमर्स संचालन: डेल्हीवरी लिमिटेड
  • मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स सेवा प्रदाता: पुष्पक लॉजिस्टिक्स सॉल्यूशंस एलएलपी

श्री पीयूष गोयल ने गतिशक्ति विश्वविद्यालय (जीएसवी) के पीएम गतिशक्ति पाठ्यक्रम का भी शुभारंभ किया, जो “कुशल अवसंरचना नियोजन और राष्ट्रीय विकास के लिए पीएम गतिशक्ति अवधारणा” पर 15 घंटे का पाठ्यक्रम है। व्यापक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए इस पाठ्यक्रम को आईजीओटी कर्मयोगी प्लेटफॉर्म और यूजीसी स्‍वयं पोर्टल पर शुरू किया जाएगा और इसे देश भर के केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थानों (सीटीआई) और राज्य प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थानों (एटीआई) के पाठ्यक्रम से जोड़ा जाएगा।इसके अलावा, श्री पीयूष गोयल ने श्री जितिन प्रसाद और श्री अमरदीप सिंह भाटिया के साथ एनसीएईआर द्वारा तैयार लॉजिस्टिक्स लागत ढांचे पर रिपोर्ट को आधिकारिक तौर पर जारी किया, जिसका उद्देश्य भारत में लॉजिस्टिक्स लागत का आकलन करना है। नीति आयोग, केंद्रीय परिवहन मंत्रालयों (रेल, सड़क, बंदरगाह, आदि), सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई), शिक्षाविदों और उद्योग हितधारकों के प्रतिनिधियों वाले एक समर्पित कार्यबल द्वारा निर्देशित यह ढांचा लॉजिस्टिक्स लागतों का सटीक अनुमान लगाने के लिए एक मिश्रित पद्धति पेश करता है, जो निर्यात-आयात (एग्जिम) और घरेलू कार्गो डेटा को एकीकृत करता है।डीपीआईआईटी की उपरोक्त पहल प्रतिस्पर्धी संघवाद को बढ़ावा देने और नवाचार को मान्यता देकर भारत के लॉजिस्टिक्स परितंत्र को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि वे अधिक कुशल, टिकाऊ और वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी लॉजिस्टिक्स क्षेत्र का मार्ग प्रशस्त करते हैं। ये 2047 तक 32 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के भारत के दृष्टिकोण में योगदान करेंगे।

 

 

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