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डॉ. मनसुख मांडविया ने भारत के खेल पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए खेलो इंडिया के तहत वार्षिक कैलेंडर लॉन्च किया।

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नई दिल्ली-देश भर में ज़मीनी स्तर पर खेलों और एथलीट विकास को और मजबूत करने के लिए भारत सरकार के युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय (एमवाईएएस) ने खेलो इंडिया पहल के तहत एक व्यापक वार्षिक कैलेंडर लॉन्च किया है। यह प्रयास एक संरचित, समावेशी और प्रतिस्पर्धी खेल पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण के सरकार के दृष्टिकोण को दर्शाता है, जो पूरे साल विभिन्न विषयों में युवाओं को शामिल करता है।इस पहल के बारे में जानकारी देते हुए युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा, “खेलो इंडिया वार्षिक कैलेंडर महज़ कार्यक्रमों की एक रुपरेखा नहीं है, बल्कि यह भारत की घरेलू प्रतिस्पर्धा संरचना को मजबूत करने के लिए एक रणनीतिक खाका है, जो भारत को एक वैश्विक खेल महाशक्ति में बदलने के लिए तैयार किया गया है।”डॉ. मांडविया ने कहा कि, “पिछले एक दशक में, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में भारतीय खेलों में बेहतरीन बदलाव देखने को मिले हैं। हमने खेलो इंडिया पहल के तहत नियमित राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं के साथ एक गतिशील और समावेशी खेल पारिस्थितिकी तंत्र बनाया है। इस दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए, हम जल्द ही पूरे साल खेलो इंडिया गेम्स और अन्य प्रतियोगिताओं की एक श्रृंखला शुरू करेंगे – जिसमें खेलो इंडिया बीच गेम्स (केआईबीजी), खेलो इंडिया स्कूल गेम्स (केआईएसजी), खेलो इंडिया वाटर स्पोर्ट्स, खेलो इंडिया नॉर्थ-ईस्ट गेम्स जैसे प्रारूप शामिल हैं। ये आयोजन भारत की युवा प्रतिभाओं की पहचान करने, उन्हें निखारने और तैयार करने में अहम साबित होंगे। सुव्यवस्थित ढंग से संरचित प्रतियोगिताओं, साल भर की भागीदारी और अखिल भारतीय भागीदारी के ज़रिए, हम राष्ट्रमंडल खेल 2030 और ओलंपिक खेल 2036 के लिए तैयारियों के माध्यम से लगातार खेल उत्कृष्टता की नींव रख रहे हैं। भारत आगे बढ़ रहा है, और युवा इस खेल क्रांति के केंद्र में हैं।”खेलो इंडिया प्लेटफॉर्म में पहले से ही चार संरचित राष्ट्रीय स्तर के खेल शामिल हैं- खेलो इंडिया यूथ गेम्स, खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स, खेलो इंडिया पैरा गेम्स और खेलो इंडिया विंटर गेम्स, जिन्हें बड़े स्तर पर कामयाबी मिली है। ये आयोजन संबंधित राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) के सहयोग से आयोजित किए जाते हैं, जिनमें अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप तकनीकी आचरण सुनिश्चित किया जाता है। स्पष्ट योजनाओं के ज़रिए ये खेल, प्रतिभाओं की पहचान और दीर्घकालिक एथलीट विकास के लिए प्रमुख मंच के रूप में काम करते हैं।इस मजबूत नींव पर और काम करते हुए, मंत्रालय अब खेलो इंडिया के दायरे का विस्तार कर रहा है, जिसमें और अधिक कार्यक्रम शामिल किए जा रहे हैं, जिनका मकसद भारत के विभिन्न क्षेत्रों में छिपी क्षमताओं और प्रतिभाओं को ढ़ूंढ़ना और देश की विशाल और विविध प्रतिभाओं को सामने लाना है। ये अतिरिक्त खेल न केवल ज़मीनी स्तर पर खेलों को बढ़ावा देंगे, बल्कि उन क्षेत्रों और समुदायों को भी अवसर प्रदान करेंगे, जिनका ऐतिहासिक रूप से राष्ट्रीय खेल मंचों पर कम प्रतिनिधित्व रहा है।खेलो इंडिया स्कूल गेम्स (केआईएसजी) पर खास ध्यान दिया जा रहा है, जो जिला स्तर से शुरू होकर राज्य स्तर तक और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में समापन करते हुए एक स्तरीय संरचना के तहत आयोजित होगा। यह ढांचा युवा और उभरते एथलीटों को शुरुआती अनुभव प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो उन्हें संरचित, उच्च-गुणवत्ता वाले कार्यक्रमों में प्रतिस्पर्धा करने के अनुभव के लिए तैयार करता है, जो अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं के मानकों को दर्शाते हैं।इसके अलावा, खेलो इंडिया मार्शल आर्ट गेम्स, खेलो इंडिया ट्राइबल गेम्स और खेलो इंडिया स्वदेशी गेम्स जैसे आयोजनों को शामिल करने का मकसद, स्वदेशी और पारंपरिक मार्शल आर्ट को मुख्यधारा में लाना है। इनमें से कई खेल, जैसे कि एशियाई खेलों में शामिल किए गए खेल, जिनकी गहरी सांस्कृतिक जड़ें हैं, अब उन्हें व्यापक मान्यता और विकास के लिए राष्ट्रीय मंच दिया जा रहा है।सफल क्रियान्वयन और दीर्घकालिक प्रभाव सुनिश्चित करने के लिए, प्रत्येक खेलो इंडिया कार्यक्रम में मेजबान राज्य या केंद्र शासित प्रदेशों को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया जाएगा। इससे स्थानीय खेल बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, क्षमता निर्माण को बढ़ावा देने और भविष्य में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजनों की मेजबानी के लिए क्षेत्रों को तैयार करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, इन आयोजनों से खेल पर्यटन को बढ़ावा मिलने और स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं में योगदान देने की उम्मीद है।मौजूदा खेल वर्ष में तीन प्रमुख आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हो चुके हैं। खेलो इंडिया विंटर गेम्स जनवरी-फरवरी 2025 में जम्मू और कश्मीर तथा गुलमर्ग में आयोजित किए गए। खेलो इंडिया पैरा गेम्स मार्च-अप्रैल 2025 में दिल्ली में आयोजित किए गए, तथा खेलो इंडिया यूथ गेम्स मई 2025 में बिहार में पूरे उत्साह के साथ आयोजित किए गए, जिससे भारत के खेलों की दुनिया में राज्यों की बढ़ती उपस्थिति को बल मिला। तीनों ही आयोजनों में लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया तथा खेलो इंडिया की समावेशी और विस्तारित पहुंच को प्रदर्शित किया।कामयाबी की इस रफ्तार को और बढ़ाते हुए, खेलो इंडिया बीच गेम्स (केआईबीजी) का पहला संस्करण 19 से 25 मई 2025 तक दीव में आयोजित किया जाएगा। यह ऐतिहासिक आयोजन तटीय और समुद्र तटीय खेलों की ओर देश का ध्यान आकर्षित करेगा, जो एक अद्वितीय प्रतिस्पर्धी मंच प्रदान करेगा और साथ ही इस क्षेत्र की पर्यटन क्षमता को भी उजागर करेगा।शेष वर्ष के कैलेंडर में कई प्रमुख कार्यक्रम शामिल हैं, जैसे कि खेलो इंडिया स्कूल गेम्स (अगस्त से दिसंबर), खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स (मार्च-अप्रैल), वाटर स्पोर्ट्स और नॉर्थ-ईस्ट गेम्स (मई-जून), ट्राइबल गेम्स (सितंबर में छत्तीसगढ़ में) और स्वदेशी और मार्शल आर्ट गेम्स (जुलाई-अगस्त में तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में)। इसके अलावा फिट इंडिया कार्निवल (फरवरी में दिल्ली में), एएसएमआईटीए लीग तथा शांति और विकास लीग गतिविधियों जैसी अतिरिक्त पहल भी पूरे वर्ष पूरे देश में चलेंगी।यह सावधानीपूर्वक तैयार किया गया, साक्ष्य-आधारित कैलेंडर, पिछले अनुभवों को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। इसे प्रायोजकों को अधिक दृश्यता प्रदान करने, मीडिया की भागीदारी को आकर्षित करने और पर्यटन और युवाओं के जुड़ाव के अवसर पैदा करने के लिए भी तैयार किया गया है। इन आयोजनों की मेजबानी में रुचि दिखाने करने के लिए राज्यों से संपर्क किया जाएगा और बहु-कार्यक्रम मेज़बानी को सुव्यवस्थित करने के लिए एक सामान्य प्रस्ताव तंत्र को तैयार किया जा रहा है।इस विस्तारित और संरचित नज़रिए के माध्यम से, युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय एक फिट, प्रतिस्पर्धी और विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त खेल राष्ट्र के निर्माण के अपने दृष्टिकोण की लगातार पुष्टि कर रहा है, जिससे हर युवा एथलीट को बड़े सपने देखने, कड़ी मेहनत करने और विश्व मंच पर भारत का गर्व से प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिलता है।

 

 

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