रक्षा राज्यमंत्री श्री अजय भट्ट ने शं नो वरुण: कार रैली को फ्लैग इन किया।

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भारत एक समुद्री देश है। समुद्र से घिरे एक देश के रूप में भारत सामरिक तौर पर पूर्व और पश्चिम को जोड़ने वाले समुद्री चौराहे पर स्थित है। इसलिए, सक्रिय हितधारकों से लेकर नागरिकों तक समाज के व्यापक दायरे में एक समुद्री मानसिकता विकसित करने की आवश्यकता है। इस लिहाज से ‘शं नो वरुण:’ कार रैली ‘समुद्री चेतना को बढ़ाने’ के मिशन को आगे बढ़ाने और लंबी अवधि में भारत की समुद्री ताकत को मजबूती देने के लिए बिल्कुल उपयुक्त पहल थी।
आरआरएम ने प्रतिभागियों को न केवल 7,500 किलोमीटर से अधिक की यादगार यात्रा पूरी करने के लिए शुभकामनाएं दी बल्कि इस आउटरीच कार्यक्रम के तहत हजारों छात्रों एवं नागरिकों के जीवन और उनकी सोच को महसूस करने के लिए भी बधाई दी। इसके अलावा, उन्होंने रैली के दौरान सामुदायिक आउटरीच के लिए नेवी वेलफेयर एंड वेलनेस एसोसिएशन (एनडब्ल्यूडब्ल्यूए)की भी सराहना की। इसके तहत वंचितों, विशेष जरूरतों वाले बच्चों और बुजुर्ग नागरिकों की मदद की गई।
अभियान ने अपने घोषित उद्देश्यों को हासिल किया। इस रैली के टीम सदस्यों ने इन बातों को आगे बढ़ाया: –
(क) तीन सैनिक स्कूलों और एक इंजीनियरिंग कॉलेज सहित 40 से अधिक स्कूलों/ कॉलेजों में भारत की समृद्ध समुद्री विरासत के बारे में जागरूकता।
(ख) ‘वुमेन इन व्हाइट’ का दृष्टिकोण, भारतीय नौसेना में महिलाओं के लिए करियर की संभावनाएं और ‘अमृत काल’ में’नारी शक्ति’ का महत्वपूर्ण योगदान।
(ग) 75 से अधिक किलों, बंदरगाहों और प्रकाशस्तंभों की यात्रा से समुद्री जागरूकता।
(घ) भारत के पश्चिम और पूर्वी तटों पर 20 से अधिक समुद्र तटों पर सरकार का ‘पुनीत सागर’ तटीय सफाई अभियान।
(ड.) नौसेना के पूर्व सैनिकों/ वीर नारियों के साथ बातचीत।
(च) सामुदायिक कल्याण और विभिन्न अनाथालयों, वृद्धाश्रमों एवं विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के स्कूलों के लिए सहायता।
अपने एसयूवी वाहनों के बेड़े के साथ इस रैली की मदद करने वाली कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा के अलावा मास्टरकार्ड इंडिया और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन भी इस कार रैली के सह-भागीदार थे।

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