मादक पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए डिजिटल पहल।
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नई दिल्ली -सरकार ने मादक पदार्थ विधि प्रवर्तन के क्षेत्र में सूचना प्रौद्योगिकी आधारित विभिन्न पहल की हैं। कुछ पहल निम्नलिखित हैं।(i) नार्को समन्वय (एनसीओआरडी) पोर्टल https://narcoordindia.in/ पर उपलब्ध है। यह जिला स्तर से लेकर राज्य स्तर तक के सभी चार स्तरों के हितधारकों और सभी मादक पदार्थ विधि प्रवर्तन एजेंसियों (डीएलईए) सहित केंद्रीय मंत्रालयों के लिए सभी मादक पदार्थ व नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) से संबंधित जानकारी प्राप्त करने को लेकर एक स्रोत है। (ii) जांच और सक्रिय पुलिसिंग के लिए सभी डीएलईए/अन्य जांच एजेंसियों की सहायता के लिए गिरफ्तार नार्को-अपराधियों पर राष्ट्रीय एकीकृत डेटाबेस (निदान) पोर्टल विकसित किया गया है। यह नारकोटिक्स ड्रग्स और साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम- 1985 के तहत मादक पदार्थों से संबंधित अपराधों में शामिल नार्को-अपराधियों का डेटा प्रदान करता है।(iii) अपराध और क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क प्रणाली (सीसीटीएनएस) का उद्देश्य जांच, डेटा विश्लेषण, अनुसंधान, नीति निर्माण और नागरिक सेवाएं प्रदान करने जैसे शिकायतों की रिपोर्टिंग व ट्रैकिंग, पूर्ववर्ती सत्यापन के लिए अनुरोध आदि के उद्देश्य से सभी पुलिस स्टेशनों को एक सामान्य एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर के तहत आपस में जोड़ना है।(iv) मल्टी एजेंसी सेंटर (एमएसी) तंत्र के तहत डार्कनेट और क्रिप्टो-करेंसी पर एक कार्य बल गठन किया गया है। यह प्रमुख रूप से नार्को-तस्करी को सुविधाजनक बनाने वाले सभी मंचों की निगरानी करने, एजेंसियों एमएसी सदस्यों के बीच मादक पदार्थ की तस्करी पर इनपुट साझा करने, मादक पदार्थ के नेटवर्क पर रोक लगाने, नियमित डेटाबेस अपडेट के साथ रूझानों, कार्य प्रणाली और नोड्स को लगातार कैप्चर करने और संबंधित नियमों व कानूनों की समीक्षा करने पर केंद्रित है।(v) सरकार ने 1933- मानस हेल्पलाइन शुरू की है, जिसे नागरिकों के लिए विभिन्न संचार माध्यमों के माध्यम से मादक पदार्थों से संबंधित मुद्दों की रिपोर्ट करने के लिए एक एकीकृत मंच के रूप में डिजाइन किया गया है।निदान पोर्टल विशेष रूप से मादक पदार्थ विधि प्रवर्तन एजेंसियों के उपयोग के लिए है। यह पोर्टल मादक पदार्थ विधि प्रवर्तन एजेंसियों के लिए एक प्रभावी उपकरण के रूप में सामने आया है।इससे उन्हें बिंदुओं को जोड़ने, पिछली संलिप्तताओं, फिंगरप्रिंट खोज, अंतर-संबंधों पर काम करने, नेटवर्क को नष्ट करने, आदतन अपराधियों की निगरानी करने, वित्तीय जांच करने और नारकोटिक ड्रग्स व साइकोट्रोपिक पदार्थों में अवैध तस्करी की रोकथाम (पीआईटीएनडीपीएस) के तहत हिरासत के लिए प्रस्ताव बनाने में सहायता प्राप्त हुई है। इसके अलावा यह मौजूदा मामलों, जमानत, पैरोल, संचालकों आदि की स्थिति की निगरानी में भी सहायता करता है।यह जानकारी गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय ने राज्य सभा में एक सवाल के लिखित जवाब में दी।
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