नमस्कार हमारे न्यूज पोर्टल - मे आपका स्वागत हैं ,यहाँ आपको हमेशा ताजा खबरों से रूबरू कराया जाएगा , खबर ओर विज्ञापन के लिए संपर्क करे +91 97826 56423 ,हमारे यूट्यूब चैनल को सबस्क्राइब करें, साथ मे हमारे फेसबुक को लाइक जरूर करें , यूएनएफपीए एवं राजस्थान पुलिस अकादमी का अन्तर्विभागीय संवाद सेमिनार। – Raj News Live

Raj News Live

Latest Online Breaking News

यूएनएफपीए एवं राजस्थान पुलिस अकादमी का अन्तर्विभागीय संवाद सेमिनार।

😊 Please Share This News 😊

जेण्डर आधारित हिंसा की प्रभावी रोकथाम एवं विधि प्रवर्तन उपायों पर हुआ मंथन। जयपुर-राजस्थान पुलिस अकादमी एवं संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) के संयुक्त तत्वावधान में जेंडर आधारित हिंसा और इसकी हार्मफुल प्रेक्टिसेज की समस्या के परिवर्तनकारी समाधान, प्रभावी निष्पादन, रोकथाम के उपाय आदि को लेकर मंगलवार को राजस्थान पुलिस अकादमी के सभागार में एक दिवसीय अंतर्विभागीय संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया।इस दौरान ज्ञान प्रबंधन उत्पादों के रूप में ‘एन इन्फॉर्मेटिव बुकलेट ऑन एड्रेसिंग टेक्नोलॉजी-फेसिलिटेटेड जेंडर बेस्ड वायोलेंस’ पुस्तिका का विमोचन किया गया, वहीं ‘बेटा-बेटी एक समान, दोनों को मिले अवसर समान’ तथा पीसीपीएनडीटी तथा कम्युनिटी पुलिसिंग से संबंधित लघु फिल्मों का प्रदर्शन भी किया गया।महानिदेशक भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने यूएनएफपीए को भारत में कार्य करते हुए 50 वर्ष पूर्ण होने पर वर्षगांठ की बधाई दी। उन्होंने कहा कि यूएनएफपीए के अधिकारी, प्रशिक्षु पुलिस अधिकारी, जोधपुर विधि विश्वविद्यालय से आए अकादमिक अध्येता, सुरक्षा सखी, निर्भया स्कवॉड में कार्यरत पुलिसकर्मी, विभिन्न अधिकारी एवं कार्मिक तथा संबंधित विभागों के अधिकारी-कर्मचारी सभी के मध्य जेण्डर आधारित संवेदनशील एवं महत्त्वपूर्ण विषयक मुद्दे पर आयोजित की जा रही सेमिनार वर्तमान समय में काफी अहम एवं प्रासंगिक है।डीजीपी डॉ मेहरड़ा ने कहा कि ‘यत्र नार्यस्तु पूजयन्ते, रमन्ते तत्र देवता’ जैसी मूल भावना हमारी भारतीय संस्कृति एवं समृद्ध परम्परा की थाती है। नारी को सर्वोच्च आदर्श मानकर हमने सदैव उन्हें ज्ञान, धन और शक्ति की देवियों के रूप में सर्वोच्च आराध्य आदर्श मानकर प्रतिष्ठापित किया है। पुलिस के साथ अन्य सभी संबंधित विभाग आपसी समन्वय स्थापित कर  एकरूपता, समता, समानता, सार्वभौमिकता, जागरूकता और सामूहिक प्रयासों व कानूनों के कडे़ व प्रभावी प्रवर्तन के माध्यम से हम लिंग आधारित हिंसा को धाराशायी कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि डिजिटल फुटप्रिन्ट अमिट प्रकृति के होते हैं, जिन्हें अपराधी अवांछित उपयोग के लिए विकसित कर सकते हैं। इनका सावधानी पूर्वक उपयोग व दुरूपयोग से बचाव के लिए पूर्ण जागरूकता अपरिहार्य है। समाज की मानसिकता में बदलाव जरूरीः एण्ड्रिया एम. वॉज्नार—यूएनएफपीए की भारत की प्रतिनिधि एवं कन्ट्री डायरेक्टर, भूटान सुश्री एण्ड्रिया एम. वॉज्नार ने अपने उद्बोधन की नमस्कार से शुरूआत करते हुए कहा कि यह प्रसन्नता का विषय है कि राजस्थान पुलिस का नेतृत्व एवं अधिकारीगण जेण्डर इश्यूज़ जैसे संवेदनशील मुद्दों पर सक्रिय रहकर कार्य कर रहे है जो कि सबके लिए प्रेरणादायक है। उन्होंने ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन की प्रशंसा करते हुए इनके सकारात्मक परिणामों की आशा जताई और कहा कि शिक्षा एवं जागरूकता की कमी को दूर कर आर्थिक विषमता के बावजूद भी लैंगिक परिस्थितियों को नॉलेज एवं एटीट्यूड के जरिए परिवर्तित किया जा सकता है।उन्होंने कहा कि जेंडर इक्वलिटी व महिला सशक्तीकरण की दिशा में सकारात्मक प्रयासों के लिए पुलिस को जवाबदेह रिस्पोंस करना जरूरी है। उन्होंने राजस्थान पुलिस की इन्स्पाइरिंग लीडरशिप, करेज एवं सहयोगात्मक रवैये के लिए धन्यवाद एवं आभार ज्ञापित किया।एडीजीपी ट्रेनिंग श्री अशोक राठौड़ ने कहा कि जेंडर बेस्ड महत्त्वपूर्ण मुद्दे पर आयोजित की जा रही यह सेमिनार वर्तमान परिप्रेक्ष्य में अत्यंत महत्त्वपूर्ण एवं सभी के लिए उपयोगी है। उन्होंने ‘राम खेलने जा और सीता खाना ला’ का उदाहरण देते हुए समाज में अतीत से व्याप्त जेण्डर असमानता अथवा विषमता की सामाजिक मानसिकता की कारा को तोड़कर जागरूक होने पर बल दिया।एडीजीपी एवं निदेशक श्री एस. सेंगाथिर ने कार्यक्रम के शुभारंभ में स्वागत उद्बोधन दिया और कहा कि चाहे विश्व की बात हो, भारत या फिर राजस्थान, जेंडर समानता का मुद्दा बड़ा ही संवेदनशील है। जेण्डर अथवा, बाल या महिला अत्याचार एवं उत्पीड़न को रोकने को लेकर राजस्थान पुलिस एवं यूएनएफपीए समन्वयन एवं बहुसंयोजन के साथ मिलकर आगे बढ़ रहे हैं।स्टेट हेड यूएनएफपीए डॉ. दीपेश गुप्ता ने बताया कि यूएनएफपीए विगत 50 वर्षों से लगातार लैंगिक समानता जैसे मुद्दों पर भारत में कार्य कर रहा है ताकि जेण्डर बेस्ड वायोलेंस को जीरो किया जा सके। उन्होंने इस दौरान किए गए कार्यों की एक समीक्षा रिपोर्ट भी पेश की और राजस्थान पुलिस की कार्यप्रणाली व सहयोग के लिए सराहना करते हुए एक लघु फिल्म-‘थैंक यू राजस्थान पुलिस टू सपोर्ट यूएनएफपीए’ का प्रदर्शन भी किया। इन विषयों पर आयोजित हुए पैनल डिस्कशन- कार्यक्रम में ‘मल्टी सेक्टोरल कॉलोब्रेशन अक्रॉस द सॉशियो इकॉलोजिकल मॉडल टू कॉम्बेट जेंडर बेस्ड वायोलेंस एण्ड हार्मफुल प्रेक्टिसेज’ पर पहला पैनल डिस्कशन आयोजित किया गया।  जिसे एडीजीपी सिविल राइट्स, श्रीमती मालिनी अग्रवाल आईपीएस ने बतौर वक्ता संबोधित किया एवं विकासात्मक अध्ययन संस्थान, जयपुर की पूर्व प्रोफेसर शोभिता राजागोपाल ने मॉडरेट किया। वहीं दूसरा पैनल डिस्कशन ‘कॉम्बैटिंग टैक-फैसिलिटेटेड जैन्डर बेस्ड वायोलैंस एण्ड इनोवेशन टू डील विद् जेन्डर बेस्ड वायोलेंस’ पर विषय विशेषज्ञों डीजीपी इंटेलीजेंस श्री संजय अग्रवाल एवं एडीजीपी एटीएस एवं एसओजी श्री वी के सिंह ने अपना वक्तव्य प्रस्तुत किया।  इस सेशन को यूनीसेफ की सुश्री मंजरी पंत ने मॉडरेट किया।सेमिनार के दौरान व्यक्तिगत, निजी व संवेदनशील डाटा के दुरूपयोग से सावधान रहने, इन्फॉर्मेशन लीक, प्राइवेसी, पाइरेसी, ट्रॉलिंग, साइबर स्पेस में डेटा मेनीपुलेशन, साइबर फ्रॉड, डोजिंग, इमेजेज बेस्ड अब्यूज, डीप एवं शेलोफेक, क्रीप शॉट, साइबर फ्लेशिंग, बुलिंग व फिशिंग, ऑनलाइन इम्पर्सोनेशन, आदि से सावधानी बरतते हुए संभलकर सुरक्षात्मक मानदण्डों के साथ उपयोग पर जोर दिया गया।आईटी एक्ट 2000 के 43, 66-सी, 67, 67-बी आदि उपबंधों के तहत 3 वर्ष की सजा एवं 1 लाख जुर्माना, साइबर ग्रुमिंग, स्टॉकिंग, मॉब, जेन्डर ट्रॉलिंग, डिजिटल अरेस्ट, भारतीय न्याय संहिता के सेक्षन 319, आईटी एक्ट 2020 की धारा 66 डी आदि पर गहन चर्चा की गई और पुलिस थाना नम्बर-100, हैल्पडेस्क नम्बर-104, साइबर क्राइम हैल्पलाइन नम्बर-1930, वीमन हैल्पलाइन नम्बर-181 एवं 1090 आदि की विस्तृत जानकारी दी गई। इस दौरान लैंगिक समानता से संबंधित समन्वित व सकारात्मक प्रयासां के लिए सराहनीय कार्य करने वाले पुलिस अधिकारियों व पुलिस वॉलियन्टर्स को सम्मानित किया गया।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें 

स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे

Donate Now

[responsive-slider id=1466]
error: Content is protected !!