अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस 2024 के अवसर पर केंद्रीय मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार ने पूरे भारत में दिव्यांगजनों को सशक्त बनाने के लिए 16 अभूतपूर्व कार्यक्रमों की शुरुआत की।
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नई दिल्ली -सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्यरत दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी) ने नई दिल्ली में आज अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस 2024 के उपलक्ष्य में केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार की अध्यक्षता में पूरे भारत भर में दिव्यांगजनों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से 16 अभूतपूर्व कार्यक्रमों की शुरुआत की। इस महत्वपूर्ण आयोजन में वरिष्ठ अधिकारियों, हितधारकों और दिव्यांगजनों की सहायता से जुड़े क्षेत्रों के प्रतिनिधियों सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में दिव्यांगजन कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दी गईं, जिसके माध्यम से उनकी अपार प्रतिभा और दृढ़ता का प्रदर्शन किया गया।सम्मेलन में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए डॉ. वीरेंद्र कुमार ने इस बात पर जोर दिया कि यह महत्वपूर्ण अवसर एक समावेशी समाज बनाने के प्रति हमारी अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि इन गतिविधियों के माध्यम से हमारा लक्ष्य प्रत्येक दिव्यांग व्यक्ति के लिए समान अवसर, पहुंच व उसका सशक्तिकरण सुनिश्चित करना है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग दिव्यांगजनों के अधिकारों एवं सम्मान को बनाए रखने के अपने मिशन पर अडिग है, जिससे भारत वास्तव में समावेशी और सुलभ समाज के निर्माण के समीप पहुंच रहा है।
सचिव (दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग) श्री राजेश अग्रवाल ने दिव्यांगजनों के लिए एक समावेशी और सशक्त समाज बनाने के उद्देश्य से सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए कहा कि सुगम्यता को आगे बढ़ाने से लेकर रोजगारपरकता को बढ़ावा देने तक का हमारा प्रत्येक कदम वास्तव में बाधाओं को दूर करने तथा अवसरों के नए द्वार खोलने के हमारे संकल्प को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि ये पहल सरकार के समतामूलक भारत के दृष्टिकोण को मूर्त रूप प्रदान करती हैं, जहां प्रत्येक व्यक्ति, चाहे उसकी क्षमता कुछ भी हो, सम्मान व आत्मनिर्भरता का जीवन जी सकता है। पहल की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं: (1) सुगम्य भारत अभियान: दैनिक गतिविधियों को पूरा करने के उद्देश्य से इस्तेमाल किये जाने वाले मानव निर्मित परिवेश हेतु अभिगम्यता लेखा परीक्षकों के पैनल के लिए एक ऑनलाइन मंच की शुरुआत की गई, जो समावेशी बुनियादी ढांचे के निर्माण के लक्ष्य के साथ सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। (2) सुगम्य भारत यात्रा: दिव्यांग व्यक्तियों के लिए समर्पित समितियों के साथ साझेदारी में एक अनूठी पहल की गई है, जहां पर दिव्यांगजन एआई-सक्षम “यस टू एक्सेस” ऐप का उपयोग करके सार्वजनिक स्थानों की पहुंच का आकलन कर सकते हैं। (3) पहुंचने के मार्ग – भाग 3 संकलन: गतिविधियों की श्रृंखला के अंदर तीसरी किस्त में दिव्यांगजनों के लिए रोजगार, वित्तीय सेवाओं एवं स्वास्थ्य देखभाल पर प्रमुख सरकारी दस्तावेजों पर प्रकाश डाला गया है और उन्हें ज्ञान तथा संसाधनों तक पहुंच प्रदान करके सशक्त बनाया गया है। (4) उच्च शक्ति वाले चश्मे: सीएसआईआर-सीएसआईओ द्वारा विकसित ये चश्मे कम दृष्टि वाले व्यक्तियों के लिए हैं, जो बेहतर ऑप्टिकल स्पष्टता प्रदान करते हैं और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करते हैं। (5) दिव्याशा ई-कॉफी टेबल बुक: यह एलिम्को की ई-बुक है, जो उसकी 50 साल की यात्रा के उपलक्ष्य में शुरू की गई है। यह दिव्यांगजनों को सहायक उपकरण प्रदान करने की प्रेरक कहानियों और उपलब्धियों को दर्शाती है। (6)कदम नी जॉइंट: यह आईआईटी मद्रास और एसबीएमटी द्वारा विकसित एक स्वदेशी नवाचार है, जो बढ़ी हुई गतिशीलता एवं स्थायित्व प्रदान करता है। इसको सहायक प्रौद्योगिकी में एक बड़ी छलांग के रूप में प्रारंभ किया गया। (7)जागरूकता प्रसार एवं प्रचार पोर्टल: पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाने के लक्ष्य से जागरूकता प्रसार एवं प्रचार योजना के अंतर्गत सीमलेस एप्लीकेशन के लिए एक डिजिटल प्लेटफॉर्म का उद्घाटन किया गया। (8) सुगम्य स्टोरीबुक्स: एनआईईपीवीडी और एनबीटी के सहयोग से समावेशी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए ब्रेल, ऑडियो और बड़े प्रिंट प्रारूपों में 21 सुगम्य स्टोरीबुक्स लॉन्च की गयी हैं। (9) मानक भारती ब्रेल कोड: यूनिकोड मानकों के साथ सामंजस्य एवं सुसंगतता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से 13 भारतीय भाषाओं में मानकीकृत ब्रेल लिपियों का मसौदा सार्वजनिक परामर्श के लिए प्रस्तुत किया गया।(10) ब्रेल बुक्स पोर्टल: समावेशी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए ब्रेल पुस्तकें बनाने हेतु एक ऑनलाइन सबमिशन पोर्टल का अनावरण किया गया। . (11) इन्फोसिस बीपीएम के साथ समझौता ज्ञापन: पीएम दक्ष पोर्टल की दिव्यांगजन रोजगार सेतु पहल के माध्यम से दिव्यांगजनों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण साझेदारी की गयी है। (12) रोजगार कौशल पुस्तक: 11 भारतीय भाषाओं में प्रकाशित यह पुस्तक दिव्यांगजनों के लिए शिक्षा एवं रोजगार के बीच की खाई को पाटती है और आर्थिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देती है। (13)इन्फोसिस स्प्रिंगबोर्ड कौशल कार्यक्रम: इंफोसिस स्प्रिंगबोर्ड ने हाल ही में भारत भर में बधिर शिक्षार्थियों की मदद के लिए यूनिकी के साथ सहयोग किया है। इन्फोसिस स्प्रिंगबोर्ड पर यूनिकी चैनल के माध्यम से प्रस्तुत पाठ्यक्रम लाखों युवा बधिर शिक्षार्थियों को विभिन्न क्षेत्रों में कौशल विकसित करने और विपणन योग्य क्षमताएं हासिल करने में सक्षम बनाते हैं। एक बार जब शिक्षार्थी इन कौशलों में निपुण हो जाएंगे और प्रमाणन प्राप्त कर लेंगे, तो उसके बाद वे स्वतंत्र अवसरों का पता लगाने तथा नौकरी हेतु आवेदन करने के लिए अच्छी तरह तैयार हो जाएंगे। इसके अलावा वे अपना खुद का छोटा व्यवसाय शुरू करने, वर्तमान भूमिकाओं में अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाने या सरकारी नौकरी की परीक्षाओं के लिए प्रभावी ढंग से तैयारी करने का विकल्प भी चुन सकते हैं। इस सहयोग के माध्यम से, अगले एक वर्ष में 10,000 शिक्षार्थियों को सशक्त बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। (14)श्रवण बाधित व्यक्तियों के लिए गूगल एक्सटेंशन: साइनअप मीडिया और यूनिकी भारत में बधिर समुदाय के लिए मनोरंजन, सूचना व शैक्षिक मीडिया में सांकेतिक भाषा संचार का सबसे मजबूत, विश्वसनीय तथा सुलभ स्रोत प्रदान करने के उद्देश्य से साझेदारी कर रहे हैं। इस प्रौद्योगिकी के माध्यम से भारत में बधिर समुदाय को मनोरंजन और अन्य वीडियो सामग्री तक व्यापक पहुंच प्राप्त होगी, जिससे सभी के लिए समान अवसर तथा देश के विकास में योगदान करने का समान अवसर सुनिश्चित होगा। पहली बार, देश भर में मीडिया और शिक्षा में बधिर समुदाय की प्राथमिक भाषा उपलब्ध होगी। (15)ई-सानिध्य पोर्टल: यह टाटा पावर कम्युनिटी डेवलपमेंट ट्रस्ट और एनआईईपीआईडी, सिकंदराबाद द्वारा निर्मित है। टाटा ई-सानिध्य न्यूरो-डायवर्सिटी प्लेटफॉर्म एक विशेष ऑनलाइन और ऑफलाइन (डिजिटल) सेवा है, जिसे न्यूरो-डायवर्सिटी की स्थिति वाले व्यक्तियों तथा विशेष रूप से ऑटिज्म से प्रभावित व्यक्तियों की सहायता के लिए तैयार किया गया है। इस प्लेटफॉर्म को टाटा पावर कम्युनिटी डेवलपमेंट ट्रस्ट द्वारा दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के तहत राष्ट्रीय बौद्धिक दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान (एनआईईपीआईडी) के सहयोग से विकसित किया गया है। (16) एनआईईपीआईडी, सिकंदराबाद द्वारा कंप्यूटर आधारित भारतीय बुद्धि परीक्षण: एनआईईपीआईडी ने एक स्वदेशी भारतीय इंटेलिजेंस टेस्ट विकसित किया है, जिसका शुभारंभ माननीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार द्वारा 11 दिसंबर, 2023 को नई दिल्ली में किया गया था। एनआईईपीआईडी भारतीय इंटेलिजेंस टेस्ट की प्रमुख खूबियों में से एक इसकी सांस्कृतिक प्रासंगिकता और संवेदनशीलता है। भारत के विभिन्न भागों से 4,070 बच्चों से प्राप्त आंकड़े यह सुनिश्चित करते हैं कि यह परीक्षण भारतीय जनसंख्या का सटीक प्रतिनिधित्व करता है।
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