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भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने आज निर्वाचन सदन में"हमारे चुनावों को समावेशी, सुलभ और सहभागी बनाना" विषयपर 'एशियाई क्षेत्रीय मंच' की एक वर्चुअल बैठक की मेजबानी की।क्षेत्रीय मंच की बैठक आने वाले महीने में मेक्सिको के नेशनलइलेक्टोरल इंस्टीट्यूट द्वारा आयोजित होने वाले "चुनावी लोकतंत्रके लिए शिखर सम्मेलन" से पहले आयोजित किया गया है। भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) श्री राजीव कुमार ने अपनेमुख्य भाषण में कहा कि लोकतंत्र और लोकतांत्रिक संस्थान तभीफलते-फूलते हैं, जब लोगों के सभी समूहों का पूर्ण प्रतिनिधित्व हो।कोई भी लोकतंत्र तब तक सार्थक और आकांक्षी नहीं हो सकता,जब तक कि वह सभी नागरिकों के लिए समावेशी न हो, बिनाकिसी डर या पक्षपात के सुलभ न हो और विभिन्न सामाजिक,राजनीतिक, आर्थिक कमजोरियों के बावजूद सहभागी न हो। सीईसी ने सभी चुनाव प्रबंधन संस्थाओं (ईएमबी) को निरंतर स्व-मूल्यांकन और अपने सिस्टम को मजबूत करने, नागरिकों कीबढ़ती अपेक्षाओं को पूरा करने और चुनावी प्रक्रिया के दौरानउभरती चुनौतियों से निपटने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंनेकहा कि वैश्विक मूल्यांकन एजेंसियों द्वारा लोकतांत्रिक देशों केमूल्यांकन और की तथाकथित रैंकिंग के लिए संरचना वस्तुनिष्ठऔर प्रासंगिक होनी चाहिए, जिसमें परिमाण, सामाजिक,सांस्कृतिक और भौगोलिक संदर्भ में प्रत्येक देश और ईएमबी कार्यकरता है। इस वैश्विक 'चुनावी लोकतंत्र के लिए सम्मेलन' के विचारका स्वागत करते हुए, श्री राजीव कुमार ने कहा कि चुनावों के प्रतिनिष्ठा और लोकतंत्र साथ-साथ चलते हैं और वैश्विक शांति, समृद्धिऔर स्थिरता उत्पन्न करते हैं। श्री राजीव कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि समावेशन में सभीप्रकार के हाशिए के समुदायों को शामिल किया जाना चाहिए, जोकि क्षेत्र, भूगोल, साक्षरता, भाषा, जातीयता, अर्थव्यवस्था, लिंग,विकलांगता के आधार पर हाशिए पर हैं, ताकि उनकी आवाज सुनीजा सके और वे अपनी आवाज को व्यक्त करने में सक्षम हों औरअपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें। वोट डालने की पूरी प्रक्रियाको आसान और आरामदायक बनाने के लिए इन समुदायों तकपहुंच प्रदान की जानी चाहिए। दिव्यांगजन (पीडब्ल्यूडी) औरपूर्वाग्रह की मनोवृत्ति से ग्रसित वरिष्ठ नागरिक, सूचना तक पहुंचकी कमी, ढांचागत बाधाओं और कई अन्य मुद्दों से जूझते हैं।उन्होंने कहा कि जब भी कोई नई तकनीक डिजाइन की जाती हैया ईएमबी द्वारा कोई नई सेवा अपनाई जाती है, तो अभिगम्यताडिजाइन का ही हिस्सा होनी चाहिए और बाद में सोचे गए समाधानके रूप में नहीं जोड़ी जानी चाहिए। उन्होंने विभिन्न तकनीकी,कानूनी और नियामक वास्तुकला को डिजाइन और मजबूत करनेमें इच्छुक ईएमबी को समर्थन दिया। सीईसी श्री कुमार ने भारत में चुनाव कराने के कठिन कार्य परप्रकाश डालते हुए कहा कि आयोग ने 80 वर्ष से अधिक उम्र केवरिष्ठ नागरिकों, विकलांग व्यक्तियों और कोविड पॉजिटिव /लक्षण वाले लोगों के लिए पोस्टल बैलेट सुविधा शुरू करके कोविड-19 महामारी की अवधि के दौरान एक दूरदर्शी सुधार किया।उन्होंने कहा कि लक्षित हस्तक्षेप और सार्थक आउटरीच के लिएईसीआई द्वारा 7.7 मिलियन से अधिक दिव्यांग मतदाताओं और80 वर्ष से अधिक उम्र वाले 15 मिलियन मतदाताओं की मैपिंगकी गई है। ईसीआई सभी दिव्यांगजनों और वरिष्ठ नागरिकमतदाताओं की 100 प्रतिशत मैपिंग प्राप्त करने की दिशा मेंलगातार प्रयास कर रहा है। पहले भारतीय चुनाव में महिलाओं कीभागीदारी 78 मिलियन यानी 45 प्रतिशत थी। सात दशकों और17 राष्ट्रीय चुनावों के बाद, महिलाओं की भागीदारी पुरुषों सेअधिक हो गई है और महिला-पुरुष आधारित अंतर न केवलसमाप्त हो गया है, बल्कि 2019 में 0.17 प्रतिशत से अधिक होगया है। भारत में 1971 के चुनाव के बाद से महिला मतदाताओं में235.72 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। श्री राजीव कुमार ने ईएमबी को सोशल मीडिया के माध्यम सेलगातार बढ़ती पहुंच से उभर कर आने वाले अवसरों औरचुनौतियों के बारे में आगाह किया, जो नकली समाचारों/कथाओंऔर सरोगेट विज्ञापन के समाधान के लिए कानूनी, नियामक ढांचेऔर भौगोलिक सीमाओं के संदर्भ में महत्वपूर्ण है। सुगम और समावेशी चुनावों के लिए उनके द्वारा की गई विभिन्नपहलों के लिए ईएमबी की सराहना करते हुए, सीईसी ने कहा किचुनावी प्रक्रियाओं में बाधाओं को अधिक प्रभावी ढंग से समाप्तकरने के लिए प्रवासी मतदाताओं के साथ-साथ हाशिए केमतदाताओं को शामिल करने के लिए दूरस्थ मतदान कीसंभावनाओं का पता लगाने की गुंजाइश है। चुनाव आयुक्त श्री अनूप चंद्र पांडे ने अपने संबोधन में कहा किपहुंच के मुद्दे सार्वभौमिक हैं और अधिकांश हाशिए के समूहों कोचुनावों में उनकी भागीदारी के लिए बाधाओं का सामना करनापड़ता है, जो कि कोविड-19 महामारी से और बढ़ गया है। उन्होंनेसभी ईएमबी से चुनाव प्रक्रिया में महिलाओं, ट्रांसजेंडर,दिव्यांगजन, वरिष्ठ नागरिकों और अन्य हाशिए के समूहों कोशामिल करने के लिए निरंतर प्रयास करने का आग्रह किया। इस बात पर बल देते हुए कि चुनावी प्रक्रियाओं को समावेशी बनानेकी आवश्यकता है, श्री पांडे ने भारत निर्वाचन आयोग द्वारा वर्षों सेकी गई उल्लेखनीय पहलों के बारे में बताया, ताकि यह सुनिश्चितकिया जा सके कि "कोई मतदाता पीछे न छूटे" और मतदान केंद्रोंपर 'बुनियादी न्यूनतम सुविधाएं' सहित सभी महिला प्रबंधितमतदान केंद्र, महिलाओं के लिए अलग कतार और शौचालय,पोस्टल बैलेट सुविधा, ब्रेल ईपीआईसी, स्वयंसेवकों के साथ व्हीलचेयर की सुविधा, मतदान केंद्र से आने-जाने की सुविधा, विकलांगव्यक्तियों के लिए एक मोबाइल ऐप, ट्रांसजेंडर को तीसरे लिंग केरूप में मान्यता देना और ईसीआई के भीतर एक एक्सेसिबिलिटीडिवीजन बनाना आदि शामिल है। श्री पांडे ने अपने समापन भाषण में एशिया क्षेत्रीय मंच औरप्रतिभागियों को उनके सुझाव और संबंधित चुनाव प्रबंधन निकायोंद्वारा भागीदारी, समावेशी और सुलभ चुनावों के लिए की गईअभिनव पहलों को साझा करने के लिए सराहना की। प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए, वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त श्रीधर्मेंद्र शर्मा ने कहा कि ईसीआई को इस मंच से जुड़े होने पर गर्वहै। दुनिया भर में, समावेशी, पारदर्शी और नैतिक चुनाव सुनिश्चितकरने के लिए ईएमबी द्वारा पहल की गई है। यह मंच अनुभवसाझा करने और एक दूसरे से सीखने का अवसर प्रदान करता है। मेक्सिको के नेशनल इलेक्टोरल इंस्टीट्यूट (आईएनई) के अध्यक्षश्री लोरेंजो सी. वियानेलो का एक रिकॉर्डेड संदेश भी प्रतिभागियोंके साथ साझा किया गया। बैठक में मेक्सिको, मॉरीशस,फिलीपींस, नेपाल, उज्बेकिस्तान, मालदीव, इंटरनेशनल आईडिया,एसोसिएशन ऑफ वर्ल्ड इलेक्शन बॉडीज (ए-वेब) औरइंटरनेशनल फाउंडेशन फॉर इलेक्टोरल सिस्टम्स (आईएफईएस)के चुनाव प्रबंधन निकायों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक केदौरान भारत निर्वाचन आयोग के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। इस एशियाई क्षेत्रीय मंच (एआरएफ) की बैठक में दो सत्र हुए।'समावेशी चुनाव: सुदूर क्षेत्रों में युवाओं, महिला-पुरुष औरनागरिकों की भागीदारी बढ़ाना' विषय पर पहले सत्र की सह-अध्यक्षता मॉरीशस और नेपाल के मुख्य चुनाव आयुक्त ने की।'सुलभ चुनाव: दिव्यांगजनों और वरिष्ठ नागरिकों की भागीदारीबढ़ाना' विषय पर दूसरे सत्र की सह-अध्यक्षता फिलीपींस केसीओएमईएलईसी के आयुक्त और उज्बेकिस्तान के मुख्य निर्वाचनआयुक्त (सीआईसी) द्वारा की गई। इस 'लोकतंत्र के लिए वैश्विक शिखर-सम्मेलन' के हिस्से के रूप में,पांच क्षेत्रीय मंच अर्थात् अफ्रीका, अमेरिका, एशिया, यूरोप औरअरब राज्यों के देशों का निर्माण किया गया है। भारत नेकोविड-19 महामारी द्वारा उत्पन्न चुनौतियों के मद्देनजर बदलतीभू-राजनीति, उभरती प्रौद्योगिकियों और चुनाव प्रबंधन में उनकेउपयोग को प्रतिबिंबित करने के लिए ईएमबी के एशियाई क्षेत्रीयमंच की बैठक की मेजबानी की।
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