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कोट्टायम में राष्ट्रीय होम्योपैथी मानसिक स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान (एनएचआरआईएमएच) का स्वर्ण जयंती समारोह: ‘मानसिक स्वास्थ्य में होम्योपैथी पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन’।

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कोट्टायम-राष्ट्रीय होम्योपैथी मानसिक स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान (एनएचआरआईएमएच), कोट्टायम द्वारा, भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त शीर्ष अनुसंधान संगठन, केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद (सीसीआरएच) के अंतर्गत, संस्थान के ‘स्वर्ण जयंती समारोह’ के उपलक्ष्य में 23-24 दिसंबर 2024 को एनएचआरआईएमएच सभागार में  ‘मानसिक स्वास्थ्य में होम्योपैथी पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन’ आयोजित किया गया।इस शुभारंभ कार्यक्रम 23 दिसंबर 2024 को मुख्य अतिथि आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रतापराव जाधव द्वारा अपने वीडियो संदेश के माध्यम से उद्घाटन द्वारा किया गया। उन्होंने स्वर्ण जयंती समारोह पर संस्थान को बधाई देकर शुरुआत की। उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य पर होम्योपैथी के योगदान का उल्लेख किया और संस्थान के शोध प्रकाशनों और प्रगति के बारे में प्रयासों की सराहना की।सम्मेलन की थीम ‘मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में होम्योपैथी की भूमिका को अनुकूलित करना’ था। सम्मेलन में भारत के प्रमुख अनुसंधान संस्थानों से मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में अंतःविषयक विशेषज्ञों का जमावड़ा नजर आया  और ‘मानसिक स्वास्थ्य में होम्योपैथी’ के लिए एक भविष्य की कार्ययोजना पर पहुंचने के लिए मंथन सत्र, पैनल चर्चा आदि आयोजित किए गए। इस सम्मेलन ने अंततः राष्ट्र की मानसिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप रणनीतियों के साथ होम्योपैथी की सुरक्षित और न्यूनतम दुष्प्रभावों वाली चिकित्सा प्रणाली का लाभ उठाने में मदद की।

सीसीआरएच के महानिदेशक डॉ. सुभाष कौशिक ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने एनएचआरआईएमएच के संगठनात्मक ढांचे के बारे में संक्षिप्त भाषण दिया। उन्होंने एनएचआरआईएमएच की उपलब्धियों, प्रकाशनों, शोध कार्यों, रोगी देखभाल और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों का उल्लेख किया। उन्होंने मंच पर मौजूद सभी प्रतिनिधियों का सम्मान करते हुए, उनका स्वागत करते हुए और संस्थान के संस्थापक को श्रद्धांजलि देते हुए अपने भाषण का समापन किया।केरल के मावेलीक्करा से सांसद श्री कोडिकुन्निल सुरेश; राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग के अध्यक्ष डॉ. अनिल खुराना; आयुष मंत्रालय की सलाहकार (होम्योपैथी) डॉ. संगीता दुग्गल ने विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। श्री कोडिकुन्निल सुरेश ने एनएचआरआईएमएच की सुविधाओं और विकास के लिए सरकार के योगदान और अस्पताल के लिए एक नए ब्लॉक के निर्माण के लिए 400 करोड़ रुपये जारी करने का उल्लेख किया। उन्होंने समाज में एनएचआरआईएमएच के कामकाज और गतिविधियों का प्रचार करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया ताकि अधिक लोग संस्थान द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं और उपचारों के बारे में जान सकें।होम्योपैथी और मानसिक स्वास्थ्य पर विभिन्न सत्र आयोजित किए गए। निम्हांस (एनआईएमएचएएनएस) के इंटीग्रेटिव मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर और एचओडी डॉ. किशोर कुमार; ड्रग प्रूविंग कमेटी, सीसीआरएच  के अध्यक्ष डॉ. शशिकांत तिवारी; किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के सेंटर फॉर एडवांस्ड रिसर्च के वाइस डीन, प्रोफेसर और हेड डॉ. शैलेंद्र के. सक्सेना; श्री विद्याधिराजा होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज की सहायक प्रोफेसर डॉ. बिंदू बी.आर.; एनएचआरआईएमएच की अनुसंधान अधिकारी (एच) डॉ. आर. भुवनेश्वरी; एफईआरसीआई  की उपाध्यक्ष डॉ. नंदिनी कुमार; डॉ. एम.एल. धावले मेमोरियल होम्योपैथिक इंस्टीट्यूट, मुंबई के मनोचिकित्सा विभाग की प्रोफेसर डॉ. सुनीता निकुंभ; कुलाक्कडा के सरकारी होम्योपैथी औषधालय की मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. जी. शीबा; और एनएचआरआईएमएच की अनुसंधान अधिकारी (एच) डॉ. विनीता ई.आर. आदि जैसे प्रतिष्ठित वक्ताओं ने इस कार्यक्रम के दौरान अपने व्याख्यान दिए। उन्होंने ‘इंटीग्रेटिव मेडिसिन का निम्हांस मॉडल’, ‘माइंड और होम्योपैथी: एक अटूट बंधन’, ‘ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर में सिगल मेडिसिन दृष्टिकोण – एक साक्ष्य-आधारित केस श्रृंखला’, ‘जापानी एन्सेफलाइटिस के दौरान बेलाडोना-आधारित संयोजन चिकित्सा की एंटीवायरल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गतिविधि का आणविक तंत्र: जेईवी-एनएस3 प्रोटीन को लक्षित करना और होस्ट प्रतिरक्षा को संशोधित करना’, ‘मनोरोग पेशेंट के प्रबंधन में होम्योपैथी में चुनौतियों का अवलोकन’, ‘कमजोर आबादी के नैतिक मुद्दे’, ‘होम्योपैथी के दायरे को बढ़ाने में होम्योपैथिक मनोचिकित्सक की भूमिका’, ‘सद्गमया और शीतलयम परियोजनाएं – मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान करने के लिए होम्योपैथिक दृष्टिकोण की खोज’, और ‘आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस का उपयोग करके सीखने की कठिनाई वाले बच्चों का संज्ञानात्मक मूल्यांकन – एक अवलोकन अध्ययन’ जैसे विषयों पर बात की।’मानसिक स्वास्थ्य में एकीकृत दृष्टिकोण के लिए रोडमैप’ पर पैनल चर्चा में डॉ. अनिल खुराना, अध्यक्ष, राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग; डॉ. सुभाष कौशिक, महानिदेशक, सीसीआरएच; डॉ. शैलेंद्र के. सक्सेना, वाइस डीन, केजीएमयू; डॉ. किशोर कुमार, प्रोफेसर और एचओडी, इंटीग्रेटिव मेडिसिन विभाग, निम्हांस; और डॉ. आर.एस. दिनेश, मनोचिकित्सक, सरकारी तालुक अस्पताल, करुनागपल्ली ने भाग लिया।सम्मेलन के प्रतिनिधियों में होम्योपैथिक शोधकर्ता, अंतःविषयक धाराओं के वैज्ञानिक, चिकित्सक, छात्र, उद्योगपति और विभिन्न होम्योपैथिक संघों के प्रतिनिधि शामिल थे। कार्यक्रम के दौरान केस रिपोर्ट/केस सीरीज और निबंध प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गईं। अनुसंधान पत्रों को विभिन्न शोधकर्ताओं/चिकित्सकों द्वारा प्रस्तुत किया गया था जिनके सार की एनएचआरआईएमएच द्वारा गहराई से समीक्षा की गई थी।इस सम्मेलन ने विभिन्न प्रमुख हितधारकों के विचार-विमर्श के माध्यम से अनुसंधान, शिक्षा और एकीकृत देखभाल में होम्योपैथिक एकीकरण के लिए भविष्य की कार्ययोजना में अंतर्दृष्टि प्रदान की।

 

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