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चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ने नौसेना बेस कारवार में कई बुनियादी ढांचा संरचनाओं का उद्घाटन किया।

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मुंबई -चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ और डीएमए सचिव जनरल अनिल चौहान ने 04 फरवरी, 2025 को नौसेना बेस, कारवार में ट्रंक सुविधाओं के हिस्से के रूप में भारतीय नौसेना के वरिष्ठ नाविकों के लिए आवासीय भवन तथा मेन डिस्ट्रीब्यूशन सब स्टेशन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर वाइस एडमिरल कृष्णा स्वामीनाथन, नौसेना स्टाफ के उप प्रमुख, श्री एसजी दस्तीदार, डीएएस, एफए (डीएस) और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।मास्टर चीफ पेटी ऑफिसर्स (एमसीपीओ) और चीफ पेटी ऑफिसर्स (सीपीओ) के लिए 240 आवास इकाइयों के चार टावरों वाले आवासीय भवन का निर्माण हैदराबाद के मेसर्स एनसीसी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया गया है।

नौसेना बेस पर मेन डिस्ट्रीब्यूशन सब स्टेशन में चार 33/11 केवी – 35 एमवीए ट्रांसफार्मर शामिल हैं, जो सतहत्तर अत्याधुनिक 33 केवी गैस इंसुलेटेड स्विचगियर्स, फ्रीक्वेंसी कन्वर्टर्स और वोल्टेज स्टेबलाइजर्स के माध्यम से परिचालन खम्बों, आवास तथा अन्य उपयोगिताओं को 65 एमवीए की स्थायी बिजली आपूर्ति प्रदान करने में सक्षम हैं। 3 एमवीए क्षमता के तीन कैप्टिव पावर प्लांट नौसेना बेस को पावर बैकअप प्रदान करेंगे। मेसर्स आईटीडी सीमेंटेशन इंडिया लिमिटेड, मुंबई ने मेन डिस्ट्रीब्यूशन सब स्टेशन का निर्माण किया है।इन बुनियादी ढांचा इमारतों के विकास कार्यक्रम प्रोजेक्ट सीबर्ड के तहत चल रहे चरण आईआईए का हिस्सा हैं, जो कारवार में बड़ी संख्या में जहाजों और पनडुब्बियों को बर्थिंग में सहायता करेगा।

इस परियोजना में दोहरे उपयोग वाला नौसेना एयर स्टेशन, एक पूर्ण विकसित नौसेना डॉकयार्ड, कवर्ड ड्राई बर्थ और जहाजों एवं विमानों के लिए कई लॉजिस्टिक्स सुविधाएं भी शामिल हैं।

प्रोजेक्ट सीबर्ड के चरण आईआईए के तहत जारी निर्माण कार्य से 7,000 प्रत्यक्ष और 25,000 अप्रत्यक्ष नौकरियां सृजित हुई हैं। यह परियोजना पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय

 (एमओईएफ एंड सीसी) और भारतीय हरित भवन परिषद (आईजीबीसी) के मौजूदा मानदंडों के अनुरूप है। यह परियोजना आत्मनिर्भर भारत की अवधारणा को आगे बढ़ाती है, जिसके अंतर्गत 90% से अधिक सामग्री तथा उपकरण भारतीय विक्रेताओं से लिए गए हैं।

 

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